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ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराकची ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान पर अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराकची ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान पर अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है।

पिछले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्राइली सरकार द्वारा ईरान के खिलाफ संभावित कार्रवाई के बारे में बयान दिया था।

इसके बाद ईरानी विदेश मंत्री अराकची ने ट्विटर पर अमेरिका को चेतावनी दी उन्होंने लिखा कि जो भी ईरान के खिलाफ इस्राइली सरकार के हमले के बारे में जानता है या इस मूर्खता में भागीदार बनता है वह नुकसान का खुद ज़िम्मेदार होगा।

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बर्लिन दौरे के अंत में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि अमेरिका को इस्राइल द्वारा ईरान पर हमले के समय और स्वरूप की जानकारी है।

ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगान कार्यवाहक सरकार हमास नेता याह्या सिनवार की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करती है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,प्रशासन के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगान कार्यवाहक सरकार हमास नेता याह्या सिनवार की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करती है।

मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा,हम याह्या सिनवार की शहादत पर इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और सभी मुजाहिदीन के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

सिनवार को हमास के राजनीतिक ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया गया था जो इस्माइल हानियेह की जगह थे।इज़राइल ने दावा किया कि 61 वर्षीय सिनवार, जिसे पिछले साल 7 अक्टूबर के भयानक हमलों का हिस्सा थे।

 

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने सोमवार को हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाकात की, जिसमें कई विषयों पर विचारविमर्श हुआ विशेष रूप से देश के आर्थिक मुद्दों और उनसे बाहर निकलने के उपायों का जायजा लिया गया हैं।

,एक रिपोर्ट के अनुसार,ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने सोमवार को आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाकात की, जिसमें कई विषयों पर विचार-विमर्श हुआ विशेष रूप से देश के आर्थिक मुद्दों और उनसे बाहर निकलने के उपायों का जायजा लिया गया।

राष्ट्रपति ने बताया कि सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा के दौरान ट्रांज़िट, गैस नेटवर्क, रेलवे नेटवर्क और आपसी व्यापार के क्षेत्रों के साथ ही पड़ोसी देशों से संबंधों को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया उन्होंने कहा कि उनकी सरकार चीन के साथ सहयोग और उन देशों के साथ सहयोग को बढ़ाने का इरादा रखती है जो इस्लामी गणराज्य के साथ रणनीतिक सहयोग चाहते हैं।

मसूद पेज़ेश्कियान ने बताया कि उनकी सरकार ने पड़ोसी देशों और अन्य देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए एक अच्छा योजना तैयार किया है और इस्लामी क्रांति के नेता ने इन योजनाओं को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि अगर यह समझौते लागू होते हैं, तो प्रतिबंधों के कारण जनता पर पड़ने वाला भार काफी हद तक कम हो जाएगा।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमारा सहयोग केवल पड़ोसी और कुछ अन्य देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि हम सम्मान, विवेक और राष्ट्रीय हितों के आधार पर दुनिया के विभिन्न देशों के साथ संवाद कर रहे हैं।

राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने बताया कि आगामी ईरानी वर्ष 1404 (21 मार्च 2025 से शुरू) के बजट में उनकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता कम आय वाले वर्ग पर करों को कम करके उनकी क्रय शक्ति बढ़ाना है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी आवश्यकताओं में कम आय वाले वर्ग के लिए सरकारी समर्थन बढ़ाना उनकी दूसरी बड़ी प्राथमिकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार का इरादा है कि आगामी साल का बजट तय समय पर संसद को भेजा जाए और इसके मद्देनज़र, नियमित रूप से कैबिनेट की बैठकें बजट पर चर्चा के लिए आयोजित की जा रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ओपीएचआई द्वारा जारी एक रिपोर्ट से पता चला है कि दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं, जिनमें से आधे बच्चे हैं। युद्धग्रस्त देशों में गरीबी तीन गुना हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक रिपोर्ट से पता चला है कि "दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में रहते हैं, जिनमें से आधे बच्चे हैं।" ओपीएचआई द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, "युद्धग्रस्त देशों में गरीबी तीन गुना हो गई है।" द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 2023 में सबसे अधिक युद्ध हुए हैं।

ज्यादातर पीड़ित बच्चे हैं

रिपोर्ट में बताया गया है कि "110 देशों के 1.6 अरब लोगों में से 1.1 अरब लोग बहुआयामी गरीबी से पीड़ित हैं।" गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि "18 साल से कम उम्र के 584 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं, जो दुनिया भर में बच्चों की संख्या का 27.9 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 2.83% गरीब लोग उप-सहारा में हैं। अफ़्रीका और दक्षिण एशिया.

दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में रहते हैं: संयुक्त राष्ट्र

ओपीएचआई की निदेशक सबीना अल-कैर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि "युद्ध गरीबी कम करने के सभी प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं।" कुछ स्तर पर ये परिणाम स्वतः स्पष्ट हैं, हमें खेद है कि युद्धग्रस्त देशों में 455 मिलियन लोग एक सभ्य जीवन की तलाश कर रहे हैं और अपनी सुरक्षा के लिए डर रहे हैं, गरीबी कम करना और शांति स्थापित करना वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे कठिन चुनौतियाँ हैं। हालाँकि, यदि हम अपना संघर्ष जारी रखें तो हम शांति स्थापित करने में सफल हो सकते हैं।

गौरतलब है कि भारत में भी बड़ी संख्या में लोग बेहद गरीबी में जी रहे हैं. देश की 4.1 अरब आबादी में से 234 मिलियन लोग गरीबी से प्रभावित हैं। भारत के बाद पाकिस्तान, इथियोपिया, नाइजीरिया और कांगो को दुनिया के सबसे गरीब देशों में माना जाता है। इन पांच देशों में लगभग आधे या 1.1 अरब लोग गरीब हैं।

 

ज़ायोनी सेना के हमलों से बेहाल लेबनान में तबाही और ज़ायोनी सेना की ओर से चलाये जा रहे जनसंहार के बीच भारत ने लेबनान को बड़ी राहत सामग्री भेजने का निर्णय किया है। लेबनान को भारत की ओर से शुक्रवार को मानवीय सहायता भेजी जानी शुरू हुई है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लेबनान को भारत ने 33 टन मेडिकल सामग्री भेजने का निर्णय किया है. इसकी पहली 11 टन की खेप शुक्रवार को भेजी गई। 

ज़ायोनी हमलों के बाद उपजे संकट के कारण लेबनान को स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से मुकाबले के लिए सहायता प्रदान करने के लिए भारत द्वारा यह महत्वपूर्ण मदद भेजी गई है। 

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस खेप में हृदय रोगों की दवाएं शामिल है। चिकित्सा आपूर्ति की अतिरिक्त खेप जल्द ही भेजी जाएगी, जिससे देश की तत्काल स्वास्थ्य आवश्यकताओं को प्रबंधित करने की क्षमता मजबूत होगी।  शेष आपूर्ति की दूसरी और तीसरी खेप आने वाले हफ्तों में भेजे जाने की उम्मीद है। 

 

प्रमुख साज़मेने तबलीग़ात ए इस्लामी हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन क़ुमी ने हमास के सियासी दफ्तर के प्रमुख याह्या सनवार की शहादत पर अपने सोशल मीडिया पेज पर प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार,प्रमुख साज़मेने तबलीग़ात ए इस्लामी

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन क़ुमी ने हमास के सियासी दफ्तर के प्रमुख याह्या सनवार की शहादत पर अपने सोशल मीडिया पेज पर प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं।

उन्होंने अपने संदेश में लिखा,ख़ुदा के मर्द अपनी जिहाद के ज़रिए दुश्मन को ज़िल्लत और शर्मिंदगी में डालते हैं और अपनी शहादत के ज़रिए इस्लाम के सम्मानित मकतब को फैलाते हैं कितनी भाग्यशाली है ऐसी ज़िंदगी और ऐसी मौत......

यह संदेश फिलिस्तीनी प्रतिरोध के एक महान नेता और हमास के सियासी दफ्तर के प्रमुख याह्या सनवार की शहादत के बाद उनकी क़ुर्बानी और जिहाद की याद में सोशल मीडिया पर जारी किया गया हैं।

 

हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा अराफ़ी ने एक बयान में फिलिस्तीनी नेता याह्या सनावार की शहादत को मोक़ावमत की सच्चाई पर ईश्वरीय प्रमाण करार दिया है और इसे इज़राईल शासन के अंत की खुशखबरी बताया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह आरफी ने एक बयान में फिलिस्तीनी नेता याह्या सनवार की शहादत को मुक़ावेमत की सच्चाई पर ईश्वरीय प्रमाण करार दिया है और इसे इज़राईल शासन के अंत की खुशखबरी बताया है।

आयतुल्लाह आराफी का पूरा संदेश इस प्रकार है:

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمنِ الرَّحِیم

"وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِینَ قُتِلُوا فِی سَبِیلِ اللَّهِ أَمْوَاتًا بَلْ أَحْیَاءٌ عِندَ رَبِّهِمْ یُرْزَقُونَ"

इस्लाम के सम्मानित कमांडर बहादुर और दिलेर मुजाहिद फिलिस्तीनी नेता मुक़ावेमत के महान विचारक, हमास के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख अबू इब्राहीम याह्या सनवार की शहादत पर इस्लामी उम्मत सभी मुक़ावेमत के मुजाहिदीन और फिलिस्तीनी जनता को ताज़ियत पेश करता हूं। उनकी शहादत एक महान बलिदान और मुक़ावेमत की सच्चाई पर ईश्वरीय प्रमाण है।

यह शहीद जो वर्षों से फ़िलिस्तीन की आज़ादी की मुहिम में अग्रणी रहे इज़राईल ग़ासिब राज्य के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहे अपनी क़ैद के दौरान उन्होंने हमास के संगठन को और मज़बूत किया और ज़ायोनी राज्य के खिलाफ प्रभावी योजना बनाई उन्होंने अपने जीवन में तूफान अलअक़्सा जैसे गर्वित अभियानों का नेतृत्व किया, जिसने इसराइल को अपूरणीय क्षति पहुंचाई।

निश्चित रूप से यह स्पष्ट है कि दुनिया जल्द ही ज़ायोनी राज्य के पतन और इस ग़ासिब राज्य के विनाश को देखेगी। यह राज्य जो क्षेत्र और इस्लामी जगत में फितना और भ्रष्टाचार की जड़ है जल्दी ही अपने अंत तक पहुंचने वाला है। ज़ायोनी अपराधी सरकार अब अपनी विफलता और पतन की अंतिम सांसें ले रही है।

हौज़ा इल्मिया याह्या सनवार की शहादत के साथ अन्य मुक़ावेमत के कमांडरों की शहादत को भी मुक़ावेमत के मार्ग की सच्चाई पर ईश्वरीय प्रमाण और अल्लाह की मदद का स्पष्ट संकेत मानता है। अल्लाह से दुआ है कि वह सभी शहीदों को ऊंचे दर्जे अता फरमाए, जो तौहीद, इंसानियत, न्याय, सम्मान और प्रतिष्ठा के रास्ते के रौशन चिराग हैं।

अली रज़ा आराफी

प्रमुख हौज़ा इल्मिया ईरान

 

 

 

 

 

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के नेता यह्या सानवार की शहादत पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शोक संदेश जारी किया है।

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के नेता यह्या सानवार की शहादत पर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शोक संदेश जारी किया है।

शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

मुजाहिद हीरो कमांडर यह्या सिनवार अपने शहीद साथियों से जा मिले वह रेज़िस्टेंस और जेहाद का चमकता चेहरा थे जो फ़ौलादी इरादे के साथ ज़ालिम व हमलावर दुश्मन के मुक़ाबले में डटे रहे, युक्तिपूर्ण कोशिशों और बहादुरी से उसके मुंह पर तमांचा मारा, इस क्षेत्र के इतिहास में 7 अक्तूबर जैसा वार यादगार के तौर पर छोड़ा।

जिसकी भरपाई नामुमकिन है और उसके बाद इज़्ज़त व सरबुलंदी के साथ शहीदों के ऊंचे दर्जे की तरफ़ उड़ान भरी।

उनके जैसा इंसान जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी क़ाबिज़ व ज़ालिम दुश्मन के ख़िलाफ़ संघर्ष में बिताई उसके लिए शहादत के अलावा कोई अंजाम मुनासिब नहीं है।

उन्हें खो देना निश्चित तौर पर प्रतिरोध के मोर्चे के लिए पीड़ादायक है लेकिन शैख़ अहमद यासीन, फ़त्ही शक़ाक़ी, रन्तीसी और इस्माईल हनीया जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की शहादत के बाद इस मोर्चे की प्रगति में कोई रुकावट नहीं आयी तो सिनवार की शहादत से भी इंशाअल्लाह तनिक भी रुकावट नहीं आएगी हमास ज़िंदा है और ज़िंदा रहेगा।

हम अल्लाहह की मदद और तौफ़ीक़ से हमेशा की तरह निष्ठावान मुजाहिदों और जांबाज़ों के कांधे से कांधा मिलाए खड़े रहेंगे।

मैं अपने भाई यह्या सिनवार की शहादत पर उनके परिवार, साथी मुजाहिदों और अल्लाह की राह में जेहाद करने वालों से दिली लगाव रखने वाले सभी लोगों को मुबारकबाद और उन्हें खोने पर सांत्वना पेश करता हूँ।

सलाम हो अल्लाह के नेक बंदों पर

सैयद अली ख़ामेनेई

19 अक्तूबर 2024

 

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक कार्यालय के पूर्व प्रमुख शहीद यहिया सिन्वार

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक कार्यालय के पूर्व प्रमुख शहीद यहिया सिन्वार की शहादत पर ईरान के उच्च राजनीतिक और सैनिक अधिकारियों ने भी प्रतिक्रिया दिखाई है और बल देकर कहा है कि प्रतिरोध का मोर्चा अपने बहादुरों की शहादत से नहीं रुकेगा।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने अपने संदेश में यहिया सिन्वार की राह के जारी की ओर संकेत करते हुए कहा कि जिसने अपनी उम्र अतिग्रहणकारी और अत्याचारी दुश्मन से मुक़ाबले में बिताई हो, शहादत के अलावा कोई दूसरी चीज़ उसका प्रतिफ़ल नहीं हो सकती।

सर्वोच्च नेता ने अपने संदेश में कहा है कि उनको खो देना प्रतिरोध के लिए पीड़ादायक है परंतु यह प्रतिरोध शैख़ अहमद यासिन, फ़त्ही शक़्क़ाक़ी, रन्तीसी और इस्माईल हनिया जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की शहादत के बाद इस मोर्चे की प्रगति में कोई रुकावट नहीं आयी तो सिनवार की शहादत से भी इंशाअल्लाह तनिक भी रुकावट नहीं आएगी। हमास ज़िंदा है और ज़िंदा रहेगा।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पिज़िश्कियान ने भी अपने संदेश में लिखा है कि अतिक्रमण के मुक़ाबले में जेहाद और आज़ादी को उपहार में देना और ज़मीन के अस्ली मालिकों को अतिग्रहण से रिहाई दिलाना बहुत महान व उच्च लक्ष्य है जो नायकों व बहादुरों के चले जाने से नहीं रुकेगा।

ईरानी संसद मजलिसे शुराये इस्लामी के सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने भी सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर लिखा कि शहीद सिन्वार ने अल्लाह से अपने अहद पर अपने पावन लहू से अमल किया। पूरे अस्तित्व से उनके संघर्ष की तस्वीरों से हज़ारों सिन्वार और नस्रुल्लाह प्रतिशित होंगे। इस बार पूरी दुनिया में।

ईरान के विदेशमंत्री अब्बास एराक़ची ने भी सोशल प्लेटफ़ार्म एक्स पर लिखा है कि यहिया सिन्वार मौत से नहीं डरते थे बल्कि ग़ज़ा में वह शहादत की खोज में थे। वह जीवन की अंतिम सांस तक लड़ते रहे। उनकी शहादत क्षेत्र में प्रतिरोध के समस्त जियालों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी चाहे वे फ़िलिस्तीनी हों या ग़ैर फ़िलिस्तीनी।

ईरान की सशस्त्र सेना के चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ मेजर जनरल बाक़िरी ने भी बल देकर कहा है कि रणक्षेत्र में यहिया सिन्वार की शहादत ने दर्शा दिया कि उनकी प्रशिक्षा व प्रशिक्षण इस्लाम धर्म की शिक्षाओं के अनुसार हुआ था और वह उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति के मार्ग में वीरगति को प्राप्त हुए।

ईरान की इस्लामी क्रांति फ़ोर्स सिपाहे पासदारान (IRGc) के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी ने भी अपने संदेश में लिखा है कि शहीद सिन्वार ग़ज़ा की सुरंगों में नहीं छिपे थे बल्कि वह रणक्षेत्र के केन्द्र में, ज़ायोनी सैनिकों का मुक़ाबला करते हुए, जेहाद के वस्त्र के साथ और प्रतिरोध के जियालों का मार्गदर्शन करते हुए शहीद हुए ताकि ज़ायोनी सरकार ने उनके बारे में जो झूठा प्रचार कर रखा था उसे अपमानित कर दें।

ईरान की सशस्त्र सेना के प्रमुख मेजर जनरल सैयद अब्दुर्रहीम मूसवी ने भी स्पष्ट किया कि यद्यपि रक्तपिपासु ज़ायोनी सरकार से मुक़ाबले में यहिया सिन्वार की शहादत संघर्ष और प्रतिरोध के जियालों के लिए पीड़ादायक थी परंतु उनका पावन लहू प्रतिरोध के जियालों व शूरवीरों के क्रोध की ज्वाला को और भड़का देगी।

एक साल से भी अधिक समय से चल रहे ज़ायोनी सेना के जनसंहार के बीच ग़ज़्ज़ा की गलियों में प्रतिरोधी जवानों का नेतृत्व करने वाले हमास के प्रमुख शहीद याह्या सिनवार की शहादत की पुष्टि हमास ने भी कर दी है।

अल जज़ीरा के हवाले से मेहर न्यूज़ एजेंसी ने खबर देते हुए कहा है कि, हमास के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख "खलील अल-हय्या" ने इस आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख याह्या अल-सिनवार की शहादत की खबर की पुष्टि की।

खलील अल-हय्या ने कहा: फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) याह्या अल-सनवार की शहादत पर अरब और इस्लामी उम्मत के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है।

उन्होंने कहा: हम अल-अक्सा तूफान के कमांडर और हमास आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख कमांडर याह्या अल सिनवार की शहादत पर  संवेदना व्यक्त करते हैं।