رضوی

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ईरान में इंडोनेशिया के राजदूत ने पवित्र नगर क़ुम की यात्रा करके हज़रत मासूमा सलामुल्लाह विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया और वहां की शैक्षिक और अध्ययन व शोध गतिविधियों को निकट से देखा।

ईरान में इंडोनेशिया के राजदूत H.E. Mr. Ronny Prasetyo Yuliantoro  पवित्र नगर क़ुम में अपनी उपस्थिति पर प्रसन्नता जताई और हज़रत मासूमा सलामुल्लाह अलैहा विश्वविद्यालय में मौजूद शैक्षिक संभावनाओं को देखने के बाद उम्मीद जताई कि दोनों देशों और हज़रत मासूमा स. विश्वविद्यालय और इंडोनेशिया के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग जारी रहेगा।

ईरान के पवित्र नगर क़ुम में हज़रत मासूमा स. विश्वविद्यालय की कुलपति व प्रमुख मरियम बुर्दबार ने इस निरीक्षण के अवसर पर इंडोनेशिया के राजदूत से भेंटवार्ता की जिसमें उन्होंने ईरान और इंडोनेशिया के विश्वविद्यालों के मध्य संबंधों को विस्तृत किये जाने पर बल देते हुए कहा कि आसमानी किताब, पैग़म्बरे इस्लाम, इस्लामी पहचान, इस्लामी जीवन शैली और विभिन्न मामलों में ईरान और इंडोनेशिया के मध्य समानतायें मौजूद हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिये।

 

श्रीमती मरियम बुर्दबार ने इसी प्रकार ईरान में महिलाओं की स्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान में इस्लामी क्रांति की सफ़लता के बाद महिलाओं के क्षेत्र में हम बहुत अधिक प्रगति के साक्षी हैं और ईरान में जो विश्वविद्यालय हैं उनके शैक्षिक प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य 36 प्रतिशत से अधिक महिलायें हैं और ईरानी विश्वविद्यालयों में दाख़िला पाने की आधी इच्छुक लड़कियां हैं।

हज़रत मासूमा विश्वविद्यालय की कुलपति ने इस विश्वविद्यालय के नारे को बयान करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय अपनी सांस्कृतिक पहचान के साथ इस्लामी जगत की महिलाओं के लिए आदर्श बनना चाहता है। इस विश्वविद्यालय का नारा" प्रतिभाशाली महिला, उच्च परिवार" है।

उल्लेखनीय है कि हज़रत मासूमा स. विश्वविद्यालय ईरान के क़ुम प्रांत में स्थित है और इसकी बुनियाद वर्ष 2007 रखी गयी थी और इस समय उसमें एक हज़ार 700 लड़कियां व महिलायें शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

शाहगंज जौनपुर,मोहल्ला भादी खास मे शुक्रवार की रात मे मरहूम मकबूल के अजाखाने से शबीहे अलम गहवारे अली अशगर ज़ुलजनाह बरामद हुआ जिसकी मजलिस अली जनाब मौलाना शमशीर हुसैन साहब जौनपुरी ने पढी और इमाम हुसैन अ.स.और उनके इकहत्तर शहीद के जिक्र करते हुए लोगो को इमाम हुसैन के बताए मार्ग पर चलने का निर्देश दिया।

शाहगंज जौनपुर /नगर के मोहल्ला भादी खास मे शुक्रवार की रात मे मरहूम मकबूल के अजाखाने से शबीहे अलम गहवारे अली अशगर जुलजना बरामद हुआ जिसकी मजलिस अली जनाब मौलाना शमशीर हुसैन साहब जौनपुरी ने पढी और इमाम हुसैन अ.स.और उनके इकहत्तर शहीद के जिक्र करते हुए लोगो को इमाम हुसैन के बताए हुए रास्तो पर चलने को कहा और जैसे ही मसायब पढा मजलिस मे बैढे लोगो की आखे नम हो गई।

मजलिस के बाद अन्जुमन गुलशने अब्बास ने नौहा मातम किया जुलूस अपने कदीम रास्तो से होते हुए लोहराना बाकरिया इमाम बरागाह होते हुए सुबह चार बजे वापस मरहूम मकबूल अजाखाने पर समाप्त हुआ।

जुलूस मे अन्जुमन हैदरी नई आबादी अन्जुमन हुसैनिया अम्बारी अन्जुमन हैदरी आलम खा जौनपुर अन्जुमन हुसैनिया सैदपुर ने पुरर्दद मसायबी नौहा मातम पेश किया सोजखानी मोहम्मद सैफ व उनके हमनवा ने किया।

और नेजामत आसिफ बिस्वानी ने किया अलबिदा ई तकरीर अली जनाब मौलाना चाद वारिश साहब सिराजी ने पढी इस मौके पर रौशन मौलाई साहेबे आलम आफताब हुसैन बदरे आलम अफजल रशीद सलमानी मोहम्मद नसीम जैद वसीम आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे सौकडो पुरुष माहिलाये व बच्चे जुलूस मे चल रहे थे जुलूस के मिन जानिब गुलशन ने आये हुए लोगो का आभार व्यक्त किया।

 

हौज़ा इल्मिया के संरक्षक ने कहा: हमारा मानना ​​है कि सभी धर्म और मजहब, विशेषकर मुसलमान, और दूरसी जाति देश की परवाह किए बिना, एकजुट हो सकते हैं और किसी भी उत्पीड़न के खिलाफ स्वतंत्र रूप से खड़े हो सकते हैं।

होज़ा उलमिया के संरक्षक आयतुल्लाह आराफ़ी ने तातारिस्तान के राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक में रूस और गज़ान राज्य के लोगों और सरकार के आतिथ्य के लिए तातारिस्तान के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा: मैं इस्लामी गणतंत्र ईरान के साथ संबंधों पर आपके विशेष ध्यान के लिए आपको धन्यवाद देता हूं और हमारे देश के राष्ट्रपति की शहादत पर आपकी सहानुभूति के लिए भी आपको धन्यवाद देता हूं।

हौज़ा इल्मिया की सर्वोच्च परिषद के एक सदस्य ने कहा: ईरान की इस्लामी क्रांति क़ुम और हौज़ा इल्मिया से शुरू हुई। आज हम ईरान में ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी प्रगति देख रहे हैं।

उन्होंने कहा: हमारा मानना ​​है कि सभी धर्म और जाति, विशेषकर मुसलमान, और दूसरी जाति देश की परवाह किए बिना, एकजुट हो सकते हैं और किसी भी उत्पीड़न के खिलाफ स्वतंत्र रूप से खड़े हो सकते हैं।

सांस्कृतिक क्रांति की सर्वोच्च परिषद के सदस्य ने कहा: मैंने 16 साल पहले इस शहर में इस्लामी तर्कसंगतता का सिद्धांत प्रस्तुत किया था और मुझे गर्व है कि आज मैं यहां इस्लामी आध्यात्मिकता और अर्थ का सिद्धांत प्रस्तुत कर रहा हूं।

उन्होंने कहा: हम फिलिस्तीन और ग़ज़्ज़ा के लोगों के साथ खड़े हैं। मेरा मानना ​​है कि अगर सभी मुसलमान एकजुट होते तो फ़िलिस्तीन में मुसलमानों को इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।

आयतुल्लाह आराफ़ी ने अपनी रूस यात्रा के दौरान तातारिस्तान के राष्ट्रपति से मुलाकात कर चर्चा की

इस बैठक में तातारिस्तान के राष्ट्रपति ने आयतुल्लाह आराफ़ी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और दोनों देशों के बीच प्रभावी संचार पर जोर दिया और रूस और तातारिस्तान क्षेत्र में मुसलमानों की स्थिति और इस्लामी गणराज्य ईरान के साथ एकता और समझौते की आवश्यकता पर चर्चा की।

उन्होंने ईरान के वैज्ञानिक और इस्लामी विकास, विशेषकर वैज्ञानिक और धार्मिक क्षेत्रों पर प्रसन्नता और संतुष्टि व्यक्त की और कहा कि उन्हें जल्द ही फिर से ईरान, विशेषकर क़ुम शहर का दौरा करने की उम्मीद है।

आयतुल्लाह आराफ़ी ने अपनी रूस यात्रा के दौरान तातारिस्तान के राष्ट्रपति से मुलाकात कर चर्चा की

गौरतलब है कि तातारिस्तान रूसी संघ की एक इकाई है जो रूस के उपखंड में एशिया और यूरोप के बीच यूराल पर्वत के पश्चिमी ढलान पर स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 70 हजार वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या लगभग 40 लाख है। तातारिस्तान की राजधानी कज़ान का प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर है। तातारिस्तान की तातार आबादी का धर्म इस्लाम है और अधिकांश लोग सुन्नी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में शिया भी हैं।

ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा, बेगुनाह का खून कभी भी ज़ालिम के दामन से नहीं मिटता और ना ही मासूम लोगों और निर्दोष बच्चों की हत्या के अपराध को नजरअंदाज किया जा सकता है।

अमेरिकी कांग्रेस में ज़ायोनी सरकार के प्रधान मंत्री की उपस्थिति और भाषण के बारे में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति राष्ट्रपति डॉ.मसूद पिज़िशकियान ने लिखा कि बेगुनाह का खून कभी भी ज़ालिम के दामन से नहीं मिटता और ना ही मासूम लोगों और निर्दोष बच्चों की हत्या के अपराध को नजरअंदाज किया जा सकता है।

उन्होंने कहा अमेरिकी कांग्रेस में ज़ायोनी सरकार के मंत्री नेतन्याहू की उपस्थिति और भाषण से निर्दोष लोगों और निर्दोष बच्चों की हत्या के अपराध को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और न ही अपराधियों को माफ़ किया जा सकता है निर्दोष गलत काम करने वालों को नहीं बख्शता हैं।

ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा खड़े होकर स्वागत करने से उत्पीड़क के पैरों पर लगे दाग नहीं मिट सकते निर्दोष का खून कभी भी तानाशाह का पीछा नहीं छोड़ता।

याद रहे कि पिछले साल अक्टूबर से गाजा में ज़ायोनी आक्रमण के कारण 39,175 लोग शहीद हो चुके हैं और 90,403 लोग घायल हुए हैं। शहीदों और घायलों में बड़ी संख्या में महिलाएं और मासूम बच्चे भी शामिल हैं।

17 जुलाई को अमेरिका के ओरेगन के जंगल में बिजली गिरने से लगी आग विकराल रूप ले चुकी है। इस दौरान 60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवाओं ने झाड़ियों और जंगलों में आग को फैला दिया। इसके चलते ओरेगन समेत वॉशिंगटन का जंगली इलाका आग की चपेट में आ गया। इसमें अब तक सैकड़ों जानवरों की मौत हो चुकी है।

आग के चलते 10 लाख एकड़ से ज्यादा जंगल जलकर राख हो गया है। अधिकारियों के मुताबिक आग लगातार आबादी की ओर बढ़ रही है। इसके चलते जंगल के किनारे बसे कई इलाकों को खाली कराया गया है। वहीं आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

न्यूयार्क टाइम्स ने नेतनयाहू को "बड़े ज़माने में छोटे आदमी" की संज्ञा दी है कि जो अपनी राजनीतिक स्थिति के भय से सही फ़ैसला नहीं ले सकता।

इस समय नेतनयाहू अमेरिका में हैं उनकी अमेरिका में उपस्थिति पर अमेरिकियों ने आपत्ति जताई है। नेतनयाहू की कमज़ोरी, नेतनयाहू को लेकर अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में मौजूद तनाव में वृद्धि और इस्राईली राजनेताओं के मध्य मतभेदों में घोर वृद्धि इस घृणित व्यक्ति से संबंधित न्यूयार्क टाइम्स की कुछ ख़बरें हैं जिन पर पार्सटुडे ने एक नज़र डाली है।

अमेरिकी कांग्रेस में नेतनयाहू के भाषण का बड़े पैमाने पर बहिष्कार किया गया

अलजज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने ऐसी स्थिति में अमेरिकी कांग्रेस में भाषण दिया है जब ग़ज़ा युद्ध और फ़िलिस्तीनियों के नस्ली सफ़ाये के कारण विस्तृत पैमाने पर अमेरिकी प्रतिनिधियों ने उनका बहिष्कार किया है।

 

 ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस में भाषण दिया। अपेक्षा है कि आज गुरूवार को वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भेंटवार्ता करेंगे। अलबत्ता इस प्रकार की ख़बरें भी आ रही हैं कि वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाक़ात करने वाले हैं परंतु अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह मुलाक़ात होगी या नहीं।

नेतनयाहू के भाषण से पहले अमेरिकी यहूदियों ने जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया

समाचार एजेन्सी इस्ना की रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल हथियार भेजे जाने का विरोधी यहूदियों का गठबंधन पिछले मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के भीतर जमा हुआ था और उसने ग़ज़ा जंग बंद करने और इसी प्रकार इस्राईल हथियारों के भेजे जाने को बंद करने की मांग की थी।

प्रदर्शनकारी कांग्रेस की इमारत में दाख़िल हो गये और उन्होंने ज़ायोनी सरकार के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू के भाषण के ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन किया। इसी प्रकार प्रदर्शनकारियों ने फ़िलिस्तीन की आज़ादी, ग़ज़ा जंग बंद करने और ज़ायोनी सरकार के लिए हथियारों को भेजे जाने को बंद करने की मांग की है।

अमेरिकी कांग्रेस के सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर- बितर करने का प्रयास किया और कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार भी किया।  

ग़ज़ा जंग के विरोधी मंगलवार को वाशिंग्टन में उस होटल के बाहर जमा हुए जिसमें नेतनयाहू रूके थे और उन्होंने नेतनयाहू को अपराधी की संज्ञा दी। जंग विरोधी गुट ने अपना चेहरा ढ़क रखा था और इसी प्रकार इन विरोधियों ने अमेरिकी कांग्रेस की इमारत की सीढ़ियों पर चढ़कर नेतनयाहू के ख़िलाफ़ नारा लगाया। प्रदर्शनकारियों ने युद्धापराध और मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करने के कारण इस्राईली प्रधानमंत्री को गिरफ़्तार करने की मांग की।

एनबीसी के अनुसार बुधवार को वाशिंग्टन में होने वाले प्रदर्शनों में वाशिंग्टन से बाहर के हज़ारों लोगों ने भी भाग लिया।

यह ऐसी स्थिति में है जब ज़ायोनी प्रदर्शनकारियों ने भी मंगलवार को तेलअवीव में अयालून सड़क को बंद करके बंदियों की आज़ादी और क़ैदियों की रिहाई और उनके आदान- प्रदान की मांग की।

बर्नी सेन्डर्ज़ः अमेरिकी कांग्रेस में भाषण देने के लिए नेतनयाहू को आमंत्रित करना शर्म की बात है।

एसोशिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सिनेटर बर्नी सेन्डर्ज़ ने बल देकर कहा कि अमेरिकी कांग्रेस में भाषण देने के लिए नेतनयाहू को बुलाना शर्म की बात है। साथ ही उन्होंने इस ओर संकेत किया कि संभवतः अंतरराष्ट्रीय अदालत शीघ्र ही नेतनयाहू की गिरफ़्तारी का आदेश जारी करेगी।

उन्होंने कहा कि नैतिक दृष्टि से यह सही नहीं है कि हम ग़ज़ा संकट को छोड़ और उसकी अनदेखी कर दें विशेषकर इसलिए कि अमेरिका में जो टैक्स दिया जाता है वह इस जंग में ख़र्च हो रहा है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि आज पहली बार इस युद्धापराधी को अमेरिकी कांग्रेस में भाषण देने का गौरव प्रदान किया जा रहा है।

इससे पहले भी बर्नी सेन्डर्ज़ ने कहा था कि नेतनयाहू युद्धापराधी हैं और अमेरिकी कांग्रेस में ज़ायोनी प्रधानमंत्री के भाषण कार्यक्रम में वे निश्चितरूप से मौजूद नहीं रहेंगे। बर्नी सेन्डर्ज़ ने अमेरिकी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के प्रमुख को यह स्पष्टीकरण देना चाहिये कि लगभग 39 हज़ार फ़िलिस्तीनियों की हत्या के ज़िम्मेदार को अमेरिकी कांग्रेस में बुलाने का कारण क्या है।

नेतनयाहू बड़े ज़माने का छोटा आदमी

समाचार एजेन्सी इस्ना की रिपोर्ट के अनुसार समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स के विश्लेषक थॉमस फ़्रेडमेन ने ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू की अमेरिका यात्रा की ओर संकेत करते हुए एक लेख में नेतनयाहू को" बड़े ज़माने में छोटे आदमी" की संज्ञा दी है और लिखा है कि अपनी राजनीतिक स्थिति के भय से वह सही फ़ैसला नहीं ले सकता।

 

अमेरिका में नेतनयाहू से ज़ायोनी बंधकों के परिवारों की मुलाक़ात में हिंसा

फ़िलिस्तीन की समा न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार नेतनयाहू ने मंगलवार को कुछ ज़ायोनी और अमेरिकी नागरिकों के बंधकों के परिजनों से भेंट की परंतु यह मुलाक़ात बंधकों के परिजनों के विरोध और हंगामे के साथ ख़त्म हो गयी। इस न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार नेतनयाहू ने इस मुलाक़ात में कहा था कि हमास पर सैनिक दबाव डाला जाना चाहिये और यह गुट जो भी शर्त लगाये उसे स्वीकार नहीं करना चाहिये। नेतनयाहू यह बात कह ही रहे थे कि ज़ायोनी बंधक के परिवार ने उनकी बात काट कर उनका कड़ा विरोध किया।

लैपिडः नेतनयाहू को हमास के साथ शांति समझौते को क़बूल करना चाहिये

मंगलवार को अलजज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी सरकार के मंत्रिमंडल के विरोधी व विपक्षी धड़े के प्रमुख यायिर लैपिड ने नेतनयाहू से मांग की है कि उन्हें अमेरिकी कांग्रेस में भाषण के दौरान उस समझौते को क़बूल करना चाहिये जिसके अंतर्गत ज़ायोनी बंदी आज़ाद हो जायेंगे। उन्होंने इस बारे में सोशल मंच एक्स पर अपने निजी पेज पर लिखा कि नेतनयाहू को चाहिये कि हमास के साथ शांति समझौते को स्वीकार करें।

 

लैपिड ने एक अन्य संदेश में लिखा है कि नेतनयाहू ने इस समय अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के उत्तरी क्षेत्रों को अपनी हाल पर छोड़ दिया है और इन क्षेत्रों में रहने वाले बहुत से लोगों ने लेबनान के हिज़्बुल्लाह के हमलों के भय से महीनों से अपने घरों को छोड़ दिया है।

गेन्ट्सः नेतनयाहू जानबूझ कर हमें पराजय की ओर ले गये

समाचार एजेन्सी तस्नीम की रिपोर्ट के अनुसार ज़ायोनी मंत्रिमंडल के पूर्व घटक बेनी गैंन्ट्स ने भी मंगलवार को अपने भाषण में नेतनयाहू पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर इस्राईल को पराजय की ओर ले गये।

रूस के कुछ पूर्व विशेषज्ञ ने ईरान के धार्मिक शिक्षा केन्द्र के प्रमुख और उनके साथ यात्रा पर गये प्रतिनिधिमंडल के साथ मॉस्को में मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में रूसी पक्ष ने ग़लत विचारों व धारणाओं को ख़त्म करने के लिए सच्चे इस्लाम के प्रचार- प्रसार और उसके महत्व पर बल दिया।

ईरान के धार्मिक शिक्षाकेन्द्र के प्रमुख आयतुल्लाह अलीरज़ा आराफ़ी रूस में धार्मिक मामलों के कार्यालय व केन्द्र के प्रमुख मुफ़्ती शैख़ राविल एनुद्दीन के निमंत्रण पर मॉस्को गये हैं और उनकी मॉस्को यात्रा का उद्देश्य "आबरेशम की आध्यात्मिक राह" शीर्षक से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ़्रेन्स में भाग लेना है।

सोमवार को आयतुल्लाह आराफ़ी ने मॉस्को में ईरानी राजदूत के साथ रूस के कुछ पूर्व विशेषज्ञों और सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय हस्तियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।

सच्चे और वास्तविक इस्लाम को स्पष्ट करना और एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था से मुक़ाबला ज़रूरी

Institute of Oriental Sciences Academy of Sciences Russia के प्रमुख़ अली अकबर अलीअकबरोफ़ ने इस संस्था के साथ ईरान के सहयोग को विश्वविद्यालयों के साथ होने वाले सहयोग से हटकर बताया और कहा कि रूस ने सालों तक तकफ़िरियों, सलफ़ियों और वहाबियों की विचारधारा के परिप्रेक्ष्य में इस्लाम की ग़लत तस्वीर देखी थी जिससे रूस को नुकसान पहुंचा है और हमने प्रशिक्षा और विशुद्ध इस्लाम के बारे में ईरान के साथ सहयोग व सहकारिता की है।

Institute of Oriental Sciences Academy of Sciences Russia के प्रमुख ने एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था से मुक़ाबले के लिए ईरान, रूस और चीन के मध्य होने वाले सहयोग की ओर किया और इस बिन्दु पर बल दिया कि ये तीनों देश मज़बूत त्रिभूज की भांति एक दूसरे के साथ हैं।

इस रूसी विचारक ने आयतुल्लाह अलीरज़ा आराफ़ी की विश्व के ईसाइयों के नेता पोप के साथ होने वाली मुलाक़ात के बाद के साक्षात्कार की ओर संकेत किया और ईरान के धार्मिक शिक्षाकेन्द्र के प्रमुख को संबोधित करते हुए कहा कि आपने उस साक्षात्कार में इशारा किया था कि इब्राहीमी धर्मों का आधार एकेश्वरवाद है और इन धर्मों को चाहिये कि हम सबको एक दूसरे से निकट करें।

अलीअकबरोफ़ ने कहा कि इस संबंध में इस्लामी गणतंत्र ईरान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार उन्होंने विभिन्न इस्लामी संप्रदायों को एक दूसरे से निकट करने के संबंध में दिवंगत आयतुल्लाह तस्ख़ीरी के दृष्टिकोण को बहुत महत्वपूर्ण दृष्टिकोण के रूप में याद किया और कहा कि इस प्रकार के विचारों व दृष्टिकोणों से लाभ उठाने का नतीजा यह हुआ है कि आज हम रूस में विभिन्न संप्रदाय के मुसलमानों के मध्य एक दूसरे के साथ वार्ता के साक्षी हैं।

रूस और ईरान की दोस्ती व निकटता बहुत महत्वपूर्ण है

Institute of Oriental Sciences Academy of Sciences Russia के महानिदेशक विताली नाओमेकीन ने भी इस बैठक में कहा कि ईरान इस संस्था का और हमारा पुराना दोस्त है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में दोनों देशों के ख़िलाफ़ पश्चिम के प्रतिबंधों के दृष्टिगत ईरान और रूस की दोस्ती बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

सही और ग़लत इस्लामी विचार धारा पर एक नज़र

आयतुल्लाह आराफ़ी ने भी इस बैठक में कहा कि ईरान और रूस के प्रयासों से दोनों देशों के राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध अच्छे और बेहतर सतह पर हैं किन्तु मौजूदा सतह को काफ़ी नहीं समझना चाहिये क्योंकि हमारे और क्षेत्रीय राष्ट्रों के समान व संयुक्त हित दो बड़े देशों ईरान और रूस के मध्य संबंधों के विस्तृत होने में निहित हैं।

धार्मिक शिक्षाकेन्द्र की उच्च परिषद के सदस्य ने आगे कहा कि इस्लामी क्रांति की इस्लामी विचारधारा तार्किक और हक़ीकी है और उसकी शिक्षाओं का आधार व स्रोत पवित्र क़ुरआन और अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम हैं और वह हर प्रकार के अतिवाद और रूढ़िवाद से दूर है। ईरान के धार्मिक शिक्षा केन्द्र के प्रमुख ने अपने भाषण के एक अन्य भाग में कहा कि जो विचारधारा क़ुम और धार्मिक शिक्षा केन्द्रों से चली व निकली है और स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. ने उसका प्रचार- प्रसार किया है वह इस्लाम की सही व संतुलित विचारधारा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के बारे में हमें दो विचारधाराओं का सामना है एक सही और दूसरे ग़लत व नादुरुस्त।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस्लाम के बारे में लिबरल विचारधारा रखते हैं और इस्लाम की जो बुनियादी व अस्ली चीज़ या चीज़ें हैं उसे हटा देते हैं। जो लोग इस्लाम की व्याख्या इस प्रकार करते हैं हम इस प्रकार के इस्लाम को अमेरिकी इस्लाम कहते हैं।

इसी प्रकार ईरान के धार्मिक शिक्षाकेन्द्र के प्रमुख कहते हैं कि कुछ लोग इस्लाम की रेडिकल व रूढ़िवादी व्याख्या करते हैं और इस प्रकार की व्याख्या के अंदर से तकफ़ीरी आतंकवादी तत्व व गुट अस्तित्व में आते हैं चाहे वे अल्पसंख्या में ही क्यों न हों और पश्चिम के समर्थन से। इस्लाम की इस प्रकार की व्याख्या काफ़ी विस्तृत हो गयी है और आतंकवादी व तकफ़ीरी गुटों को उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है कि ईरान और रूस संयुक्त रूप से उनके मुक़ाबले में डट गये। इसके बावजूद तकफ़ीरी और आतंकवादी गुट हर कुछ समय पर विभिन्न क्षेत्रों में ग़ैर सही व विध्वंसक कार्यवाहियां अंजाम देते रहते हैं।

आयतुल्लाह आराफ़ी आगे कहते हैं

इस्लाम की तीसरी व्याख्या वह है जो क़ुम और इस्लामी धार्मिक शिक्षा केन्द्रों ने निकली है और स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. ने उसका प्रचार- प्रसार किया है और वह इस्लाम की सही व संतुलित व्याख्या है और हम इस्लाम की जिस व्याख्या की बात करते हैं उसका आधार बुद्धिमत्ता और धार्मिक विचार हैं। इसी प्रकार आयतुल्लाह आराफ़ी ने कहा कि इस्लाम की इस विचारधारा व व्याख्या में हम मानवता और धर्मों की संयुक्त बातों पर बल देते हैं। इस दृष्टि से मानवता और धर्मों के मध्य धार्मिक वार्ता का आधार सही वार्ता होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस्लाम की इस व्याख्या में न्याय और समस्त इंसानों के लिए इस दुनिया की नेअमतों के महत्व का क़ाएल होना चाहिये और न्याय के लिए जहां भी ज़रूरी हो संघर्ष करना चाहिये।

रूस में ईरान के राजदूत काज़िम जलाली ने भी मॉस्को में होने वाली बैठक में अपने संक्षिप्त भाषण में तेहरान और मॉस्को के संबंधों में होने वाले विस्तार के बारे में एक रिपोर्ट पेश की और क्षेत्रीय, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन संबंधों के महत्व पर बल दिया। इस बैठक में मॉस्को के इस्लामी केन्द्र के प्रमुख, कुछ अध्यापक व प्रोफ़ेसर और रूस के कई पूर्व विशेषज्ञ और इसी प्रकार ईरान के धार्मिक विश्वविद्यालय जामेउल मुस्तफ़ा, ईरानी दूतावास के अधिकारी और इब्ने सीना इस्लामी अध्ययन फ़ाउन्डेशन के प्रमुख मौजूद थे।

बेल्जियम के युवाओं ने एक प्रतिक्रिया पत्र में गाजा पर यूरोपीय और अमेरिकी छात्रों की स्थिति का समर्थन करने के लिए सर्वोच्च नेता को धन्यवाद दिया है।

अमेरिका और यूरोप में यूनिवर्सिटी के छात्रों को सुप्रीम लीडर के पत्र के बाद प्रतिक्रिया सामने आने लगी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बेल्जियम के छात्रों के एक समूह ने एक जवाबी पत्र में इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को तहे दिल से धन्यवाद दिया है। इस पत्र की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

- हम न्याय पाने और सत्य की तलाश के बारे में आपके पत्र से बहुत प्रभावित हैं।

- गाजा पर आपका अटल रुख दुनिया को प्रभावित करता है।

- आपने दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए अथक प्रयास किया है। हम इस्लाम का गहराई से अध्ययन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

- गाजा के पक्ष में यूरोप और अमेरिका में छात्रों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि पश्चिमी युवा दुनिया में व्याप्त अन्यायपूर्ण व्यवस्था से अवगत हो गए हैं और इस समस्या से निपटने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग और रचनात्मक बातचीत के लिए तैयार हैं।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर बेल्जियम के युवक का पत्र फारसी, अंग्रेजी, अरबी और फ्रेंच भाषा में LETTER4LEADER# के साथ ट्रेंड कर रहा है।

मानसून के आते ही कई शहरों में बारिश कहर बनकर आई है। महाराष्ट्र के कई शहरों में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही। मुंबई में तो सड़कें तालाब बन गई है और नाव से लोगों को बचाया जा रहा है। यही हाल गुजरात और राजस्थान का भी है जहां कई इलाकों में भारी जलभराव है और बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।

मानसून के आते ही मुंबई में बारिश से हाहाकार मचा है। लगातार बारिश से जलभराव के बाद मुंबई की सड़कें तो मानों जैसे तालाब बन गई हैं। वहीं, अंधेरी सबवे को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। मूसलाधार बारिश ने मुंबई और उपनगरों के लिए मुसीबतें फिर से ला दी हैं, शहर के कई निचले इलाकों से जलभराव की खबरें आई हैं।

रात भर हुई भारी बारिश के चलते कई सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधित हो गई, जिससे अनगिनत यात्रियों को असुविधा हो रही है।

मौसम विभाग के अनुसार, आज भी अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, शहर में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।

मुंबई में भारी बारिश के बाद के हालात के कई वीडियो भी सामने आए हैं। चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। सड़कें जाम पड़ी हैं।

दूसरी ओर पुणे में रातभर भारी बारिश हुई, जिससे शहर और जिले के बड़े हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गए, स्कूल बंद रहे और लोगों की मदद के लिए नावों को तैनात किया गया। शहर की फायर ब्रिगेड, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें और अन्य एजेंसियां ​​कई इलाकों में लोगों को बचाने के लिए पहुंची है।

महाराष्ट्र के लिए रेड अलर्ट जारी

इसके अलावा, भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार को महाराष्ट्र के लिए रेड अलर्ट जारी किया और अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मुंबई के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। विले पार्ले और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से आए दृश्यों में यात्रियों को मूसलाधार बारिश के बीच से गुजरते हुए देखा जा सकता है।

गुजरात में 8 लोगों की मौत

गुजरात में बीते 4 दिनों से मुसलाधार बरिश हो रही है। इस तेज बारिश के चलते वडोदरा, भरूच, सूरत और आणंद समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। गुजरात में बारिश से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

इमाम खुमैनी शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के प्रमुख ने कहा: इस्लाम की प्राप्ति की दिशा में हमारा मार्ग केवल मानव विज्ञान पर निर्भर करता है और आधुनिक इस्लामी सभ्यता और ईश्वर के धर्म के नियम को समझने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

आयतुल्लाह महमूद रजबी ने ईरान के मशहद में फ़िरदौसी विश्वविद्यालय के प्रमुख डॉ. मसूद मिर्ज़ई शाहराबी के साथ एक बैठक में कहा: नई इस्लामी सभ्यता का एहसास मानव विज्ञान में बेहतर बदलाव से ही संभव है।

उन्होंने आगे कहा: सामाजिक आयाम में, मानवता भी एक नई इस्लामी सभ्यता के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिस पर इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने जोर दिया है।

आयतुल्लाह रजबी ने कहा: समाज में इस्लाम की बेहतर समझ के लिए मानव विज्ञान के अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं है।

मजलिस ख़ुबरेगान रहबरी के इस सदस्य ने कहा: इस्लामी सभ्यता की पहचान और अन्य धर्मों पर इस्लाम के प्रभुत्व को जो दर्शाता है वह इस्लाम की समृद्ध संस्कृति है जो दिव्य मूल्यों और आदर्शों को व्यक्त करती है।

हौज़ा इल्मिया की सुप्रीम काउंसिल के एक सदस्य ने कहा: मानव विज्ञान में बदलाव समय की मांग है, इस बदलाव से मानव विज्ञान का विकास और सुधार होगा और अगर हम इस क्षेत्र में गंभीरता से काम करते हैं, तो हौज़ा के मामलों में हमारी ज़िम्मेदारी कुछ है।

गौरतलब है कि इस बैठक में फिरदौसी यूनिवर्सिटी मशहद में नेतृत्व समिति के प्रभारी हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन इमानी भी मौजूद थे। जिन्होंने फ़िरदौसी विश्वविद्यालय की शैक्षिक एवं अनुसंधान गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।