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गाज़ा युद्धविराम समझौते के तहत पहले दिन 3 इज़राईली महिलाओं के बदले में ज़ायोनी जेलों से 90 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया गया।

एक रिपोर्ट के अनुसार , गाज़ा युद्धविराम समझौते के पहले दिन दोनों पक्षों ने कई कैदियों को रिहा किया।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक ग़ासिब ज़ायोनी सरकार और हामास आंदोलन के बीच हुए युद्धविराम समझौते को रविवार को लागू किया गया जिसके तहत ओफर जेल में बंद 90 फिलिस्तीनी कैदियों को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस ने अपनी निगरानी में लिया।

फिलिस्तीनी कैदियों के परिजन ओफर जेल के बाहर इकट्ठा हुए लेकिन ज़ायोनी सेना ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हिंसा का सहारा लिया जिससे 7 फिलिस्तीनी नागरिक घायल हो गए।

सूत्रों के अनुसार, रिहा किए गए फिलिस्तीनी कैदियों को ले जाने वाली बसों में महिलाएं और 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल थे।

यह भी स्पष्ट है कि फिलिस्तीन की प्रतिरोधी हामास ने ग़ासिब ज़ायोनी कैदियों की रिहाई का एक वीडियो जारी किया है जिसमें तीनों कैदियों को उपहार देते हुए दिखाया गया है।

हामास के एक अधिकारी ने बताया कि ज़ायोनी कैदियों की रिहाई का दूसरा चरण अगले सप्ताह की शुरुआत में होगा।

  यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने मक़बूज़ा क्षेत्रों पर यमन के हमलों को रोकने के लिए ग़ज़ा में इज़राइल के युद्धविराम के पूर्ण पालन को एक आवश्यक शर्त क़रार दिया है।

अमेरिकी सरकार पर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज़, अंसारुल्लाह द्वारा इज़राइल पर हमले को रोकने की शर्त का एलान, सेन्ट्रल अफ़्रीका में सुरक्षा में सुधार के लिए रूस की तत्परता, इंग्लैंड से बड़े पैमाने पर अमीरों का पलायन, यमनी सेना द्वारा ट्रूमैन जहाज़ पर हमला, अमेरिका द्वारा यूरोप में आधुनिक परमाणु हथियारों की तैनाती और इराक़ को नवीन टेक्नालाजीज़ देने की ईरान की योजना, यह ईरानी और विश्व समाचारों का चुनिन्दा हिस्से हैं।

अमेरिका/ अमेरिकी सरकार पर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज़

अमेरिका में सरकार बदलने की पूर्व संध्या पर अमेरिकी सरकार का राष्ट्रीय ऋण एक नए स्तर तक बढ़ गया है। अमेरिकी वित्तमंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी के मध्य में देश का राष्ट्रीय कर्ज 36.174 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

यमन/ अंसारुल्लाह द्वारा इस्राईल पर हमले को रोकने की शर्त का एलान

यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य मुहम्मद अल-बुख़ैती का कहना है कि हमलावरों के ख़िलाफ हमारा अभियान, ग़ज़ा के ख़िलाफ़ हमलों की समाप्ति और समझौतों के सख्त पालन से सशर्त है। उन्होंने कहा: ज़ायोनी शासन द्वारा किसी भी उल्लंघन की स्थिति में प्रतिरोध के समन्वय के साथ हमारा अभियान जारी रहेगा।

फ़िलिस्तीन/ ईरान ने हमें चौतरफा समर्थन दिया: ज़ियाद अल-नेख़ाला

फ़िलिस्तीन के लिए ईरान के व्यापक समर्थन का उल्लेख करते हुए, फ़िलिस्तीन के जिहादे इस्लामी आंदोलन के महासचिव ज़ियाद अल-नख़ाला ने घोषणा की कि फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध ने ज़ायोनी दुश्मन को युद्धविराम स्वीकार करने पर मजबूर किया है। ज़ियाद अल-नख़ाला ने एक भाषण में फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध को ज़ायोनी शासन द्वारा युद्धविराम को स्वीकार करने का सबसे महत्वपूर्ण कारण क़रार दिया है।

जेहादे इस्लामी के महासचिव ने आगे कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्र, अद्वितीय साहस के साथ ज़ायोनी शासन के अत्याचारों और अपराधों के ख़िलाफ डटा हुआ है और गर्व से अपने प्रतिरोध के साथ मैदाने जंग में अपनी छाप छोड़ी। ज़ियाद अल-नख़ाला ने कहा: हमारे लिए यमन में अपने भाइयों को भूलना  जो तूफान अल-अक्सा की जंग में दूरी के बावजूद प्रभावी और सक्रिय उपस्थिति थी, संभव नहीं है।

 अफ़्रीक़ा/  सेन्ट्रल अफ़्रीका में सुरक्षा में सुधार के लिए रूस की तत्परता

सेन्ट्रल अफ़्रीका में रूस के राजदूत "अलेक्जेंडर बेकान्तोव" ने कहा: इस देश के राष्ट्रपति फ़ूस्तीन अर्कान्ज़ की मास्को यात्रा के दौरान, रूस ने सुरक्षा मजबूत करने के लिए सहयोग जारी रखने की अपनी तत्परता का एलान किया था।

यूरोप/ ब्रिटेन से अमीरों का व्यापक पलायन

डेटा से पता चलता है कि भारी करों और ब्रेक्सिट के आर्थिक परिणामों के कारण इंग्लैंड से अमीरों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर अलार्म बज चुका है। वैश्विक संस्थान "न्यू वर्ल्ड वेल्थ" (New World Wealth) और अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी "हेनली एंड पार्टनर्स" (Henley & Partners) के विश्लेषण से पता चलता है कि 2024 में 10,000 से अधिक करोड़पति ब्रिटेन छोड़ देंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड ने 2023 में लगभग 4 हज़ार 200 करोड़पति और 2017 से 2023 तक लगभग 16 हज़ार 500 करोड़पति खो दिए हैं।

यमन/ यमनी सेना द्वारा ट्रूमैन जहाज़ को बनाया गया निशाना

यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल यहिया सरी ने एक बयान में कहा: यमनी सशस्त्र बलों ने उत्तरी लाल सागर में अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी ट्रूमैन और उसके युद्धपोतों को निशाना बनाते हुए एक आप्रेशन किया। यहिया सरी ने कहा: यह ऑपरेशन कई ड्रोन और क्रूज़ मिसाइलों से किया गया था और इस ऑपरेशन के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया।

मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन/ तेल अवीव में ज़ायोन -विरोधी आप्रेशन, एक की मौत और 2 घायल

ज़ायोनी मीडिया ने तेल अवीव में गोलीबारी और चाक़ू से हमले की सूचना दी जिसमें एक ज़ायोनी की मौत और दो अन्य घायल हो गए। ज़ायोनी मीडिया ने बताया कि शनिवार रात को तेल अवीव के दक्षिण में लेवेंटाइन स्ट्रीट पर गोलीबारी की घटना हुई जिसमें चाकू से हमला किया गया।

अमेरिका/ अमेरिका द्वारा यूरोप में आधुनिक परमाणु हथियारों की तैनाती

यूएस नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी के प्रमुख जिल हर्बी ने हडसन संस्था में भाषण देत हुए कहा, अमेरिका ने अपने प्राथमिक थर्मोन्यूक्लियर हथियार का आधुनिकीकरण पूरा कर लिया है और इस गुरुत्वाकर्षण बम के B61-12 प्रकार को नाटो परमाणु हथियार साझाकरण कार्यक्रम के तहत यूरोप में सैन्य अड्डों पर तैनात किया गया है।

ईरान/ इराक़ को नवीन टेक्नालाजीज़ देने को ईरान तैयार

ईरान के विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मंत्री हुसैन सीमाई ने नवीन विज्ञान में इराक के साथ सहयोग की तेहरान की तत्परता का एलान करते हुए कहा: ईरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नैनो टेक्नालाजी और क्वांटम जैसे उभरते क्षेत्रों में इराकी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के लिए तैयार है।

श्री सीमाई ने टेक्नालाजी विकास केंद्र और विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क बनाने के क्षेत्र में परामर्श सहयोग और ईरान के अनुभवों को इराक़ स्थानांतरित करने को दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक सहयोग की एक महत्वपूर्ण धुरी क़रार दिया और कहा: हम तकनीशियन प्रशिक्षण के क्षेत्र में नेशनल स्किलिंग यूनिवर्सिटी के अनुभवों को इराक स्थानांतरित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

रूस की यात्रा पर गए ईरान के राष्ट्रपति और पुतिन की मुलाक़ात पर दुनियाभर की नजरें जमी हुई हैं। राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान रूस के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की। इस दौरे में रूस और ईरान ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनसे दोनों देशों के आर्थिक और सैन्य संबंध गहरे होंगे।

दोनों देशों पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को देखते हुए ये समझौते काफ़ी अहम हैं और माना जा रहा है कि यह पश्चिमी ताक़तों के लिए चिंता की वजह बन सकता है।

समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संवाददाताओं से कहा कि रूस और ईरान मज़बूती से विदेशी दबाव का सामना करेंगे।  मसूद पेज़ेश्कियान ने भी इस समझौते को दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग में एक नया अध्याय बताया और कहा कि "ईरान की नेबरहुड पॉलिसी में रूस की एक ख़ास जगह है।

बता दें कि इस बीच दोनों देशों ने 20 वर्षीय ‘मिलिट्री’ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

दोनों देशों के बीच हुए समझौते की खास बातें यह हैं कि "रूस या ईरान में से अगर किसी पर हमला हुआ तो दुश्मन से हाथ नहीं मिलाया जाएगा।  दोनों देश रक्षा तकनीक में एक-दूसरे की मदद करेंगे।   संयुक्त युद्धाभ्यास और रक्षा सहयोग को बढ़ाएंगे। पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों को नहीं मानेंगे और मिलकर सामना करेंगे।  रूस-ईरान के बीच अपना पैमेंट सिस्टम विकसित करेंगे जैसे कि रुपये-रूबल का है।  पश्चिमी प्रोपेगैंडा का मिलकर सामना करेंगे।  अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में एक-दूसरे को सहयोग करेंगे यानी बदलते वर्ल्ड आर्डर में साथ रहेंगे।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनई के नेतृत्व मे रविवार को दो शहीद न्यायाधीशों, शेख अली राज़ीनी और शेख मोहम्मद मुकीसेह की नमाज़े जनाज़ा अदा की गई।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनई के नेतृत्व मे रविवार को दो शहीद न्यायाधीशों, शेख अली राज़ीनी और शेख मोहम्मद मुकीसेह की नमाज़े जनाज़ा अदा की गई।

ये दोनों शहीद न्यायपालिका के प्रतिष्ठित और साहसी न्यायाधीश थे, जो शनिवार को अपने सेवा स्थल पर शहीद हो गए।

ईरान के नौजवान आविष्कारकों ने 2025 दक्षिण कोरिया अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान और आविष्कार प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता।

 16 और 17 जनवरी को आयोजित इस टूर्नामेंट में दक्षिण कोरिया, ईरान, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, क़ज़ाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया और चीन सहित 13 देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था।

इस प्रतियोगिता में शामिल टीमों ने मेक्ट्रोनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रोग्रामिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन विज्ञान और नैनो, बायो टेक्नालाजी और काग्नेटिव साइंस, नवीन एनर्जी, भौतिक और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की।

ईरानी छात्रों की वैज्ञानिक टीम के प्रमुख मेहदी रशीदी जहान" ने एलान किया: "अली रज़ा जाफ़र नेजाद" और "मेहरान रजबी" की टीम ने मेक्ट्रोनिक्स के क्षेत्र में स्वर्ण पदक जीता जबकि "मोईद रजबी" और "हेलना रजबी" की टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वर्ण पदक जीता। दूसरी ओर ने ईरान को 2025 दक्षिण कोरिया अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान और आविष्कार प्रतियोगिता में 2 स्वर्ण दिलाए।

रशीदी जहान ने यह बताते हुए कि चुनिन्दा टीमों के लेख विश्वसनीय कोरियाई पत्रिकाओं में प्रकाशित किए जाएंगे। उनका कनहा था कि रसायन विज्ञान और नैनो के क्षेत्र में "ताहा कनआनी" और "मोहम्मद हुसैन रहमानी" की टीम ने भी इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक,रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप जो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं सत्ता में वापसी के बाद वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाएंगे।

,एक रिपोर्ट के अनुसार ,एक रिपोर्ट के मुताबिक,रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप जो अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं सत्ता में वापसी के बाद वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाएंगे।

यह अभियान पूरे सप्ताह तक जारी रहेगा और इसका संचालन अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (ICE) द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए 100 से 200 कर्मियों को तैनात किया गया है।

ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध प्रवास को रोकने और देश में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने का वादा किया था उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद हम अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़े आंतरिक निष्कासन अभियान की शुरुआत करेंगे।

इस अभियान का उद्देश्य न केवल शिकागो बल्कि पूरे अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करना है। रॉयटर्स से बातचीत में एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि यह कार्रवाई केवल एक शहर तक सीमित नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा,आप न्यूयॉर्क, मियामी और अन्य प्रमुख शहरों में भी गिरफ्तारी देखेंगे यह एक व्यापक अभियान होगा जो पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाएगा।आलोचकों ने हालांकि इस अभियान की तीखी आलोचना की है और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है।

वहीं ट्रंप समर्थकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका में अवैध प्रवास की समस्या को जड़ से खत्म करेगा और देश को अधिक सुरक्षित बनाएगा यह देखना बाकी है कि यह अभियान कितना सफल होता है और इसका अमेरिका के राजनीतिक माहौल और सामाजिक ताने-बाने पर क्या प्रभाव पड़ता हैं।

फिलिस्तीन पर अत्याचारों की सत्तर साल पुरानी इतिहास ने ज़ायोनी इज़राइल की क्रूरता को दुनिया के हर जागरूक और संवेदनशील इंसान के सामने उजागर कर दिया है।

फिलिस्तीन पर अत्याचारों की सत्तर साल पुरानी इतिहास ने ज़ायोनी इज़राइल की क्रूरता को दुनिया के हर जागरूक और संवेदनशील इंसान के सामने उजागर कर दिया है; खासकर पिछले पंद्रह महीने से ज्यादा के समय में, इज़राइल ने फिलिस्तीन में जो अत्याचार किए हैं, उन्होंने मानवता को शर्मसार कर दिया है।

इस अत्याचारी और कब्ज़ा करने वाली ज़ायोनी सरकार ने बच्चों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाकर हजारों लोगों को शहीद और घायल किया, और हजारों लोगों को बेघर किया। इसके अलावा, मस्जिदों, चर्चों, स्कूलों, अस्पतालों और घरों सहित सभी प्रकार की इमारतों को नष्ट कर दिया।

इन निर्दोष लोगों की मदद और चिकित्सा सहायता करने वाले मीडिया से जुड़े लोग, डॉक्टर, नर्स और अन्य मानवतावादी सेवाएं देने वाले भी ज़ायोनी अत्याचारों से नहीं बच पाए, और इन सभी अत्याचारों ने इतिहास में एक काला अध्याय दर्ज किया। इन सबके बावजूद, फिलिस्तीनी मुजाहिदीन, महिलाएं और लोग प्रतिरोध, दृढ़ता और धैर्य के साथ संघर्ष करते हुए एक महान उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसने दुनिया के सामने गर्व, साहस और रक्षा का स्वर्णिम अध्याय कायम किया।

आखिरकार, ज़ायोनी सरकार मानवाधिकारों के उल्लंघन और हिंसा के मामलों में सारी हदें पार करके दुनिया के सामने एक घृणित चेहरा बनकर उभरी है, जिससे हर स्वतंत्र और पवित्र आत्मा घृणा करती है।

पंद्रह महीने से अधिक समय के बाद, अपनी असफलताओं के कारण, इज़राइल युद्धविराम और प्रतिरोध की शर्तों को स्वीकार करने पर मजबूर हो गया है।

सच और झूठ के संघर्ष में अंततः जीत हमेशा सत्य के अनुयायियों की होगी।

इंशाअल्लाह, प्रतिरोधी शक्तियां भविष्य में और भी मजबूत और सक्षम होंगी और सफलता और विजय निश्चित होगी।

 

न्यायपालिका के दो महत्वपूर्ण और प्रमुख जजों की शहादत पर रहबर-ए-इंक़लाब आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने एक शोक संदेश जारी किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार , न्यायपालिका के दो महत्वपूर्ण और प्रमुख जजों की शहादत पर रहबर-ए-इंक़लाब इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने एक शोक संदेश जारी किया है।

शोक संदेश कुछ इस प्रकार है;

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन

मुजाहिद आलिम जनाब हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हज़रत हाजी शेख अली रज़ीनी और उनके बहादुर सहयोगी जज जनाब हाजी शेख मोहम्मद मक़ीसा रहमतुल्लाह अलैह की शहादत पर मैं उनके सम्मानित परिजनों की सेवा में संवेदनाएं प्रकट करता हूं और उनकी जुदाई पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं।

शहीद रज़ीनी पर पहले भी दुश्मनों द्वारा हमला किया गया था और वह वर्षों तक इस हमले से हुई पीड़ा को सहते रहे उनके दो भाई इससे पहले ही शहीद हो चुके हैं।

इस दुखद घड़ी में हम आपके साथ हैं और अल्लाह ताला से दुआ करते हैं की अल्लाह ताला मरहूम की मग़फिरत फरमाए घर वालों को सब्र आता करें मरहूम के दरजात को बुलंद करें।

सैयद अली ख़ामेनेई

18 जनवरी

इज़रायली शिक्षामंत्री ने कहा,ऐसे समय में जब इज़राइली कैबिनेट की बैठक ने युद्ध विराम समझौते पर मतदान के बाद इसे मंज़ूरी दे दी है इस समझौते की कीमत बहुत भारी है लेकिन हमारे पास एक उच्च नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने भाइयों और बहनों को उनके घरों में वापस लाएं।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,इज़रायली शिक्षा मंत्री योआव किश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा हैं मैंने कैबिनेट बैठक में युद्ध-विराम समझौते के पक्ष में मतदान किया।

उन्होंने आगे लिखा इस समझौते की कीमत बहुत भारी है, लेकिन हमारे पास एक उच्च नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने भाइयों और बहनों को उनके घरों में वापस लाएं।

इज़रायली मंत्री ने ग़ाज़ा युद्ध में इज़रायल के लक्ष्यों को हासिल न कर पाने की बात को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकारते हुए दावा किया,चाहे जितना समय लगे हम अपने युद्ध के उद्देश्यों को नहीं छोड़ेंगे, यानी सभी भाइयों और बहनों को घर वापस लाना बंधकों को स्वदेश लाना, हमास सरकार को गिराना, और यह सुनिश्चित करना कि इज़रायल के लिए खतरा न बने।

इस बीच, इज़रायल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि युद्ध शुरू होने के महीनों बाद भी, हम एक भी बंधक को जीवित छुड़ाने में सफल नहीं हो सके। सार ने कहा कि इस तथ्य ने कैबिनेट के सदस्यों पर एक बड़ी जिम्मेदारी डाल दी है। उन्होंने स्वीकार किया, हमने हमास पर शक्तिशाली प्रहार तो किए, लेकिन उसके खिलाफ अपने युद्ध के उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सके।

जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मीया क़ुम इस कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए, प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों से अपील करता है कि वे इस जघन्य अपराध के पीछे के दोषियों को गिरफ्तार कर सजा दिलवाएं और इस तरह की बुराईयों के पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाएं।

जामे मुदर्रेसीन ने देश के उच्चतम न्यायालय के दो प्रमुख न्यायाधीशों की शहादत पर शोक संदेश जारी किया:

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम इना लिल्लाह व इना इलैहे राजेऊन

देश की न्यायिक प्रणाली के दो प्रमुख व्यक्तित्वों की शहादत आतंकवादी हमले में हुई, जो गहरी शोक और दुख का कारण बनी। शहीद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हाजी शेख अली राज़ीनी और  हाजी शेख मुहम्मद मकीसेह (रहमतुल्लाह अलीहेमा) वर्षों तक इस्लामी व्यवस्था और न्यायिक जिम्मेदारियों में अपनी सेवा और संघर्ष में लगे रहे और वे न्यायिक प्रणाली के प्रभावी और प्रतिबद्ध न्यायधीशों में से थे, जिन्होंने ईमानदारी और क्रांतिकारी कार्यों के साथ सामाजिक न्याय और इस्लामी मूल्यों के लक्ष्य की दिशा में काम किया।

जामे मुदर्रेसीन हौज़ा-ए-इल्मीया क़ुम इस बर्बर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है और प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों से अपील करता है कि इस घिनौने अपराध के दोषियों को गिरफ्तार करके दंडित करें और इस प्रकार की हिंसा के पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

हम अल्लाह से इन शहीदों के दरताज बुलंद होने के लिए दुआ करते हैं और उनके परिवारों तथा सभी शोक संतप्तों के लिए धैर्य की कामना करते हैं।

जामे मुदर्रेसीन हौज़ा ए इल्मिया क़ुम