
رضوی
घमंड और हरामख़ोरी पैग़म्बरे इस्लाम के नाती इमाम हुसैन अलै. के हत्यारों की विशेषता
ईरान के प्रसिद्ध धर्मगुरू हुसैन अंसारियान ने कहा कि दुश्मनी और घमंड इंसान के भौतिकवाद की जड़ है और यह दुनिया से अतिवादी प्रेम का नतीजा है। उन्होंने कहा कि इब्लीस का घमंड, घमंडियों के घमंड की जड़ है।
धार्मिक शिक्षाकेन्द्र के उस्ताद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन शैख़ हुसैन अंसारियान ने कहा कि कुछ लोग, चाहे वे पैग़म्बरों के ज़माने में थे या अहलेबैत अलै. के काल में थे तब से लेकर आजतक घमंड की वजह से हक़ को पसंद नहीं करते हैं यहां तक कि पैग़म्बरों और अहलेबैत अलै. की ओर से चमत्कार दिखाये जाने की स्थिति में भी वे बहुत अधिक घमंड के कारण सच व हक़ को स्वीकार नहीं करते थे।
वह कहते हैं कि क़ुरआने करीम कहता है कि वे चमत्कार का मज़ाक़ उड़ाते थे और पैग़म्बरों और ईश्वरीय दूतों की बातों को अफ़साना बताते थे और अपनी बातों को सिद्ध करने के लिए उनके पास न तो कोई अक़्ली दलील थी न इल्मी और वे अपनी दुश्मनी और घमंड पर हमेशा आग्रह करते थे। मिसाल के तौर पर आशूरा के दिन जब हज़रत ज़ैनब स. ने इमाम हुसैन अलै. से कहा कि आप ख़ुद को इन लोगों को पहचनवाइये शायद ये लोग बेदार हो जायें तो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया हे बहन मैं गया था और मैंने ख़ुद का परिचय कराया मैंने बताया कि पैग़म्बरे इस्लाम कौन थे और मेरी मां कौन थीं उन सबने केवल एक जवाब दिया और वह पत्थरों की बारिश थी।
इस धार्मिक मामलों के विशेषज्ञ हुसैन अंसारियान के अनुसार उनके इस कृत्य व जवाब की वजह दुश्मनी और घमंड था। शैख़ अंसारियान ने कहा कि महान ईश्वर समस्त सदगुणों व परिपूर्णता का स्वामी है और वही समस्त वस्तुओं को पैदा करने वाला है और शैतान इस बात को जानता था कि महान ईश्वर ने समस्त वस्तुओं को पैदा किया और उनकी रचना की है मगर इन सबके बावजूद घमंड की वजह से उसने पालनहार के आदेश को नहीं माना। इब्लीस क़यामत को भी बहुत अच्छी तरह जानता था।
धार्मिक शिक्षाकेन्द्र के उस्ताद शैख़ हुसैन अंसारियान ने कहा कि घमंडी लोग इब्लीस के मदरसे के शिष्य हैं और दुनिया के घमंडियों का अज़ाब इब्लीस के अज़ाब जैसा होगा। महान ईश्वर उन सबको इब्लीस के साथ नरक में डालेगा और नरक को उन लोगों से भर देगा।
अहलेबैत और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के अज़ादारों को ख़ुशहाल होना चाहिये कि वे इब्लीस के शिष्यों में से नहीं हैं। जो भी शैतान का शिष्य होगा वह अहलेबैत और इमाम हुसैन अलै. की मज़लूमियत पर आंसू नहीं बहायेगा और महान ईश्वर ने उनके लिए जो दायित्व निर्धारित कर रखा है उसे छोड़ देंगे।
इसी प्रकार हुसैन अंसारियान कहते हैं कि घमंडी धर्म और वास्तविकता के दुश्मन हैं। वे घमंड करने से कभी भी बाज़ नहीं आयेंगे। पवित्र क़ुरआन और पैग़म्बरे इस्लाम के अहलेबैत दो मापदंड हैं जिनके ज़रिये इंसान सफ़ल हो सकता है। इस आधार पर इंसान को चाहिये कि वह अपनी पूरी ज़िन्दगी में इन्हीं दोनों मापदंडों के आदेशों पर अमल करे।
उस्ताद अंसारियान पवित्र क़ुरआन के सूरे नह्ल की आयत नंबर 97 की ओर संकेत करते हुए कहते हैं कि इस आयत में आया है कि नेक अमल में इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि उसका अंजाम देने वाला मर्द है या औरत मगर एक अंतर है और वह अंतर एकेश्वरवाद, नबुव्वत, इमामत और क़यामत की आस्था रखने में है। महान ईश्वर कहता है कि मेरी जगह दुःखी लोगों के दिल हैं। तो महान ईश्वर की जगह इमाम हुसैन अलै. के अज़ादारों के दिल हैं। पाक व अच्छा जीवन उस इंसान का प्रतिदान व बदला है जो महान ईश्वर पर ईमान रखता हो और अच्छे कार्यों को अंजाम दिया हो।
उस्ताद अंसारियान कहते हैं कि महान ईश्वर की उपासना के साथ हलाल आजीविका कमाने की बात की गयी है। इमाम हुसैन अलै. से जंग करने के लिए 30 हज़ार लोग सामने आ गये थे उसका कारण क्या था? उन लोगों ने समय के इमाम को शहीद कर दिया इसका कारण हराम नेवाला था। उनके दिल वास्तविकता के लिए बंद हो गये थे और क़ुरआन का प्रकाश उनके दिलों में नहीं जा रहा था इमामत और हक़ व सच की बात क़बूल करने के लिए उनके दिलों पर ताले लग गये थे।
धार्मिक शिक्षाकेन्द्र के उस्ताद हुसैन अंसारियान कहते हैं कि अगर लोग शुद्ध उपासना चाहते हैं तो उन्हें चाहिये कि वे अपनी रोज़ी व नेवाले को हलाल कर लें। हराम माल इस बात का कारण नहीं बनेगा कि इंसान इबादात करके नजात पा जायेगा। स्वच्छ व पाक जीवन हलाल रोज़ी व नेवाले से संभव है। शैतान हमेशा इंसान को बुरा काम अंजाम देने और झूठ बोलने के लिए उकसाता है।
हमने तेल अवीव पर हमला किया: यमनी सेना
यमनी सशस्त्र बल के प्रवक्ता याहया साड़ी ने एक बयान में घोषणा की है कि यमनी सेना ने एक विशेष अभियान चलाकर अधिकृत फ़िलिस्तीन में तेल अवीव को निशाना बनाया है, जिसका विवरण बाद में घोषित किया जाएगा।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता याह्या साड़ी ने एक बयान में घोषणा की है कि यमनी सेना ने एक विशेष अभियान चलाकर फिलिस्तीन के कब्जे वाले तेल अवीव को निशाना बनाया है, जिसका विवरण बाद में घोषित किया जाएगा। .
समाचार सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह तेल अवीव में एक जोरदार विस्फोट सुना गया।
अल-जज़ीरा समाचार चैनल ने विस्फोट स्थल की घोषणा "बिन येहुदा" सड़क के रूप में की, जो राजनयिक स्थलों के बहुत करीब स्थित है, और कहा कि एक ड्रोन इमारत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और जोरदार विस्फोट हुआ।
इज़रायली मीडिया का कहना है कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ड्रोन तेल अवीव पर हमला करने में कैसे कामयाब रहा।
लेबनान पर जायोनी सेना के बर्बर हमले, हिज्बुल्लाह कमांडर समेत कई लोग शहीद
लेबनान पर जायोनी सेना के बर्बर हमले, हिज्बुल्लाह कमांडर समेत कई लोग शहीद
सूत्रों ने बताया कि जायोनी सेना के ड्रोन ने एक कार पर तीन मिसाइलें दागीं।
दक्षिण-पश्चिम लेबनान के जिबल अल-बुत्म में गुरुवार को जायोनी सेना के हवाई हमले में लोकप्रिय जनांदोलन हिज्बुल्लाह के एक सैन्य अधिकारी की मौत हो गई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने लेबनानी सैन्य सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है । सूत्रों ने बताया कि जायोनी सेना के ड्रोन ने एक कार पर तीन मिसाइलें दागीं। यह हमला सिद्दीकीन और जिबकिन शहरों के बीच जिबल अल-बुत्म इलाके में किया गया। हमले में कार चला रहे हसन मुहन्ना की मौत हो गई। वह एक स्थानीय सैन्य अधिकारी थे जो दक्षिणी लेबनान में पश्चिमी सीमा पर सैन्य गतिविधियों का संचालन करते थे।
बांग्लादेश के हालात बेकाबू, हिंसा में 32 से अधिक की मौत
बांग्लादेश में हिंसा से हालात और भी बेकाबू हो गए हैं। आक्रोशित छात्रों ने गुरुवार को देश के सरकारी प्रसारक में आग लगा दी। ढाका में हुई हिंसा में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई।
प्रधानमंत्री शेख हसीना बढ़ती झड़पों को शांत करने की अपील कर रही हैं। मौजूदा आरक्षण को खत्म करने और सिविल सेवा भर्ती नियमों में सुधार की मांग कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर पहले तो पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं। मगर बाद में दंगाइयों ने जवाबी कार्रवाई की और पुलिस पर काबू पा लिया। आक्रोशित भीड़ ने पीछे हट रहे अधिकारियों को राजधानी ढाका में बीटीवी के मुख्यालय तक खदेड़ा, फिर नेटवर्क के रिसेप्शन भवन और बाहर खड़े दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। इससे राजधानी ढाका धूं-धूं कर जल उठी। बेकाबू होते हालात को देखते हुए मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
असम में मुस्लिम विवाह और तलाक कानून को भाजपा सरकार ने किया रद्द
असम की भाजपा सरकार ने मुस्लिम विवाह कानून रद्द कर दिया है। मुस्लिम विवाह के साथ तलाक रजिस्ट्रेशन कानून को भी राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा है, 'हमने बाल विवाह के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करके अपनी बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
आज असम कैबिनेट की बैठक में Assam Repealing Bill 2024 के माध्यम से असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम 1935 को निरस्त करने का निर्णय लिया है।
असम निरसन विधेयक 2024 को विधानसभा के अगले मानसून सत्र में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्देश दिया है कि मुस्लिम विवाह के पंजीकरण के लिए कानून लाया जाए।
मुस्लिम विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1935 में मुसलमानों के निकाह और तलाक के पंजीकरण का प्रावधान है। इस अधिनियम में समय के साथ बदलाव भी किए गए। आखिरी बार संशोधन 2010 में किया गया था। इस संशोधन में स्वैच्छिक की जगह अनिवार्य शब्द जोड़ा गया था। पहले निकाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन करवाना स्वैच्छिक था, लेकिन 2010 के बाद यह अनिवार्य हो गया।
शामे ग़रीबां की मजलिस इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित की गई सुप्रीम लीडर भी उपस्थित हुए
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मंगलवार 10 मुहर्रम की रात को शामे ग़रीबां की मजलिस आयोजित की गई जिसमें हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई और मोमिनीन भी उपस्थित हुए
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मंगलवार 10 मुहर्रम की रात को शामे ग़रीबां की मजलिस आयोजित की गई जिसमें हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई और मोमिनीन भी उपस्थित हुए
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन जवाद मोहम्मद ज़मानी ने मजलिस पढ़ी जिसके बाद जनाब महदी समावाती ने कर्बला के मसाएब का ज़िक्र किया और दुआए तवस्सुल पढ़ी जबकि जनाब महदी सलहशूर ने नौहा और मरसिया पढ़ा।
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में जुमे से शुरू होने वाला मजलिसों का सिलसिला 12 मुहर्रम तक जारी रहेगा
कश्मीर में निकल गया मोहर्रम का जुलूस
मुहर्रम के मौके पर हज़ारों कश्मीरी शियाओं ने जुलूस निकालकर श्रीनगर की सड़कों पर मातम किया इस मौके पर मौलाना ने तकरीर करते हुए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के मसाएब बयान किए मसाएब सुनने के बाद मोमिनीन की आंखों से आंसू छलक पड़े।
मुहर्रम के मौके पर हज़ारों कश्मीरी शियाओं ने जुलूस निकालकर श्रीनगर की सड़कों पर मातम किया इस मौके पर मौलाना ने तकरीर करते हुए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के मसाएब बयान किए मसाएब सुनने के बाद मोमिनीन की आंखों से आंसू छलक पड़े।
1989 में कश्मीर में आज़ादी के विद्रोह के बाद से 2023 तक 34 वर्षों तक मुहर्रम जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इस प्रतिबंध के बावजूद शिया मुहर्रम की 9वीं और 10वीं तारीख को इन मार्गों पर मार्च करते थे, जब पुलिस लोगों से हिंसा का सामना करती थी।हालाँकि, 2023 में यह प्रतिबंध हटा दिया गया और हुसैनी जुलूस शुरू करने की अनुमति दी गई।
आज आठवीं मुहर्रम का जुलूस अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ निर्विघ्न संपन्न हो गया हालाँकि, सरकार ने मार्च करने वालों से सरकार विरोधी भाषणों या राजनीतिक नारों से परहेज करने को कहा था।
सुबह साढ़े पांच बजे हजारों शोक संतप्त लोग गुरु बाजार में एकत्र हुए क्योंकि अधिकारियों ने जुलूस का समय सीमित कर दिया था ताकि सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो काले कपड़े पहने हुए, मार्च करने वालों ने इमाम हुसैन अ.स. और शहीदों के शोक कक्ष में नारे लगाए।
ओमान में मजलिस के दौरान आतंकी हमले में अब तक कई लोगों की शहदत
ओमान में एक मजलिस के दौरान हुए आतंकी हमले में अब तक कई लोगों की मौत और घायल की खबर आ रही है इस मजलिस में तकरीबन 700 से अधिक लोग मौजूद थे।
,ओमान में एक मजलिस के दौरान हुए आतंकी हमले में अब तक कई लोगों की मौत और घायल की खबर आ रही है इस मजलिस में तकरीबन 700 से अधिक लोग मौजूद थे।
ओमान में एक मजलिसे में इस गोलीबारी में चार लोग शहीद और कई अन्य घायल हुए हैं घायलों की स्थिति को देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस के अनुसार, ओमान की राजधानी मस्कत के नजदीक स्थित अलवादी अलकबीर इलाके में स्थित इमाम बारगाह में गोलीबारी हुई संदिग्ध अपने साथ हथियार लेकर घटनास्थल पर पहुंचा और लोगों पर फायरिंग शुरू कर दी।
अरब सागर के पूर्व में स्थित ओमान में इस तरह की हिंसा बेहद दुर्लभ घटना है। अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर अमेरिकी नागरिकों को उस इलाके से दूर रहने की सलाह दी है। अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'अमेरिकी नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए, स्थानीय समाचारों पर नजर रखनी चाहिए और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
रिपोर्ट्स के अनुसार जिस समय हमला हुआ उस समय मजलिस में 700 से अधिक लोग मौजूद थे।
ईरान की युवा कुश्ती टीम नेएशिया चैम्पियनशिप जीती
ईरान की युवा कुश्ती टीम ने 3 स्वर्ण पदक, 2 रजत पदक और 2 कांस्य पदक जीत कर थाईलैंड में एशियाई चैंपियनशिप जीत ली है।
एशियाई चैंपियनशिप जूनियर कुश्ती प्रतियोगिता मंगलवार 26 जुलाई को थाईलैंड के सिराचा में आयोजित हुई।
ईरानी टीम के अमीर काज़ेमी ने 48 किलोग्राम वज़न में, मेहदी ग़ुलामियान ने 62 किलोग्राम वजन में और इस्माईल नबवी ने 68 किलोग्राम वजन में स्वर्ण पदक जीते।
इसके अलावा, अबुलफज़्ल ज़हीरी ने 57 किग्रा में रजत पदक, अमीर हुसैन बख्तियार नेजाद ने 85 किलोग्राम में रजत पदक जीता जबकि बेन्यामिन रस्तगार ने 44 किलोग्राम कैटेगरी में कांस्य पदक और आमिर हुसैन अलवानी ने 75 किग्रा में कांस्य पदक जीते।
टीम रैंकिंग में ईरान ने 170 प्वाइंट्स से चैंपियनशिप जीती और उज़्बेकिस्तान 169 प्वाइंट्स, कज़ाक़िस्तान 154 प्वाइंट्स, भारत 137 प्वाइंट्स और क़िरक़िज़िस्तान 126 प्वाइंट्स के साथ क्रमशः दूसरे से पांचवें स्थान पर रहे।
इस्राईल पर प्रतिरोध की विजय के स्पष्ट हो जाने के बाद पश्चिम फ़ूट डालने की नीति अपनायेगा: हसन नस्रुल्लाह
लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने कहा है कि ग़ज़ा में मौजूदा पीढ़ी और उसका समर्थन करने वाले मोर्चों के हाथों ज़ायोनी सरकार का अंत हो जायेगा।
नौ महीने का समय गुज़र जाने के बावजूद ज़ायोनी सरकार ग़ज़ा युद्ध से अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी है और ग़ज़ा के लोगों के प्रतिरोध के सामने वह विवश व मजबूर हो चुकी है।
सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने नवीं मोहर्रम मंगलवार की रात को कहा कि ग़ज़ा में मौजूदा पीढ़ी और उसका समर्थन करने वाले मोर्चों के हाथों ज़ायोनी सरकार का अंत हो जायेगा और अगर उनके लिए सीमायें खोल दी जायें तो हम देखेंगे कि वे ग़ज़ा के समर्थन में अपने दायित्वों पर अमल करेंगें।
उन्होंने कहा कि तूफ़ाने अक़्सा और एक दूसरे से एकजुटता व समरसता की एक बरकत विशेषकर लेबनान, इराक़ और यमन में यह है कि साम्प्रदायिक उकसाहट कम से कम हो गयी है जबकि अमेरिका ने इस पर वर्षों काम किया है।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहा कि अपेक्षा यह की जा रही है कि तूफ़ाने अक़्सा की जंग में विजयी होने के बाद इस ऑप्रेशन के परिणामों को अपने हित में मोड़ने व दिखाने के लिए सांप्रदायिक मतभेदों को हवा दी जायेगी।
इसी प्रकार उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 से जो कुछ हमारे क्षेत्र में हुआ है वह बहुत बड़ा फ़साद है और ज़ायोनी दुश्मन पश्चिम के समर्थन से समस्त अरबों को गिरी हुई नज़रों से देख रहा है।
उन्होंने कहा कि विद्वान और विशेषज्ञ इस बात का आंकलन कर रहे हैं कि ज़ायोनी सरकार की स्थापना के 70 या 80 साल के बाद इस सरकार का अंत हो जायेगा और उन्होंने जो स्वाभाविक व प्राकृतिक, एतिहासिक और सामाजिक जानकारियां प्रदान की हैं वे इस बात की सूचक हैं कि यह सरकार इस समय संवेदनशील चरण में पहुंच गयी है।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहा कि जिन लोगों का मानना है कि इस्राईल कैंसर की गिल्टी है और इसका अंत होना चाहिये अल्लाह इस सरकार को इस प्रकार के हाथों दंडित करेगा। लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहा कि ज़ायोनी सरकार अपने अंत के समय को पहुंच चुकी है। यह ऐसी स्थिति में है जब तेलअवीव के अधिकारी इस जंग में पराजय से भागने के लिए प्रतिरोध के कमांडरों की हत्या करने की झूठी ख़बरें प्रकाशित कर रहे हैं।