बौखलाया इस्राईल, क्षेत्र में नये षड्यंत्र रच रहा है

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बौखलाया इस्राईल, क्षेत्र में नये षड्यंत्र रच रहा है

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध संगठन हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने ईरान, सीरिया और उन लोगों की जिन्होंने वर्ष 2006 की सफलता में भागीदारी निभाई, सराहना की है।

वह शुक्रवार की शाम जुलाई वर्ष 2006 के युद्ध में सफलता की वर्षगांठ पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।

ईरान और सीरिया की सराहना

सैयद हसन नसरुल्लाह ने ईरान और सीरिया सहित इस सफ़लता में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने वालों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध की समाप्ति के बाद जितनी भी चीज़ें प्रकाशित हुईं, जितने भी साक्षात्कार सामने आये और जितनी भी यात्राएं हुईं उनसे यह सिद्ध हो गया कि यह अतिक्रमण, एक कार्यक्रम का छोटा सा भाग है जिसके बहुत बड़े लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में अपेक्षा की जा रही थी कि लेबनान का प्रतिरोध तबाह हो जाएगा, इसका लक्ष्य केवल प्रतिरोध को निरस्त्रीकरण करना नहीं था, इसमें अपेक्षा की गयी थी कि प्रतिरोध के सारे सैनिक और कमान्डर मार दिए जाएंगे। उस समय यह बात बहुत ज़ोरो शोर से फैलाई जा रही थी कि उत्तरी और केन्द्रीय फ़िलिस्तीन में गिरफ़्तार किए जाने वाले दस हज़ार लोगों को रखने की योजना बन गयी है।

सैयद हसन नसरुल्लाह कहते हैं कि इस युद्ध के दौरान यह अपेक्षा की गयी कि सीरिया को लक्ष्य बनाया जाए ताकि प्रतिरोध का समर्थन करने के कारण इस देश की व्यवस्था को उलट दिया जाए, दूसरा लक्ष्य ग़ज़्ज़ा में प्रतिरोध को निशाना बनाया था, इन समस्त योजनाओं पर वर्ष 2006 में काम किया गया।

वर्ष 2006 के युद्ध के लक्ष्य

सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि अमरीकी अधिकारी लेबनान और फ़िलिस्तीन में प्रतिरोध को समाप्त करना चाहते थे और जिन्होंने इस विषय को आगे बढ़ाया, उन्हें यह पता चला कि अमरीकी संचार माध्यमों ने वर्ष 2006 के युद्ध से पहले जिन घटनाओं को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया वह हमास, हिज़्बुल्लाह और सीरिया के बारे में सामने आई। जार्ज बुश ने अमरीकी जनता से कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के तीन स्रोतों की गर्दन काट दी है और चुनाव के बाद ईरान के विरुद्ध युद्ध आरंभ होगा।

तेल के स्रोतों पर क़ब्ज़ा करने का लक्ष्यः हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि अमरीका का उद्देश्य क्षेत्र के समस्त तेल के स्रोतों और गैस पर क़ब्ज़ा जमाना था और फिर फ़िलिस्तीनी मुद्दे को समाप्त करके अरबों और फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईल की मनमानी थोपना था और इस युद्ध का एक अन्य लक्ष्य अमरीका और इस्राईल के माध्यम से इराक़ का अतिग्रहण था। सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि लेबनान के प्रतिरोध ने अपनी सुदृढ़ता यह युद्ध जीत लिया और इन षड्यंत्रों पर पानी फेर दिया। ज़ायोनी सैनिकों के लिए रणक्षेत्र एक दुस्वपन बन गया और यह शासन युद्ध में जगह पहुंच गया तब उसे पता चला कि वह सैन्य त्रासदी के निकट है तभी उसने अमरीका से युद्ध रुकवाने की मांग की।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने बल दिया कि रणक्षेत्र में प्रतिरोध की दृढ़ता और समस्त समस्याओं के बावजूद जनता और अधिकारियों के डटे रहने के कारण, अमरीकी, इस्राईली, यूरोपीय, सुरक्षा परिषद उन शर्तों में से बहुत को छोड़ने पर तैयार हो गये जो उन्होंने अतिक्रमण के आरंभिक दिन लगाई थी। सैयद हसन नसरुल्लाह ने वर्ष 2006 के युद्ध में इस्राईल की पराजय के बाद क्षेत्र में अमरीकी षड्यंत्रों की विफलता की ओर संके करते हुए कहा कि यह सब इस अर्थ में है कि अमरीका क्षेत्र में मुंह की खा गया। अलबत्ता अमरीकियों के पास क्षेत्र में अपने लक्ष्य प्राप्त करने के अन्य मार्ग हैं और जब तक अमरीकी और ज़ायोनियों के षड्यंत्रकारी कार्यक्रम हैं वे संभावनाओं और परिवर्तनों के दृष्टिगत अन्य शैली अपनाएंगे। सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस युद्ध में तो वह पराजित हुए किन्तु मैं एक बार फिर बल देकर कह रहा हूं कि हम समस्त ख़तरों का मुक़ाबला करने में सक्षम हैं।  

अमरीका क्षेत्र में अपने षड्यंत्रों में लगा हुआ है

सैयद हसन नसरुल्लाह का कहना था कि यह इस अर्थ में नहीं है कि अमरीका ने क्षेत्र में अपने लक्ष्यों से हाथ खींच लिया है क्योंकि अमरीका अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अन्य मार्गों से कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा के विरुद्ध इस्राईल का हालिया अतिक्रमण, इन्हीं षड्यंत्रों का भाग है और इस हमले में भी इस्राईल को पराजय हाथ लगी। सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस्राईल से मुक़ाबले के लिए केवल सशस्त्र संघर्ष की आवश्यक है।

हमारे सामने भीषण ख़तरा है

हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि हमारे सामने बहुत भीषण ख़तरा है। उनका कहना था कि नये षड्यंत्र पुराने षड्यंत्रों की तुलना में अधिक ख़तरनाक और जटिल हैं क्योंकि इनका लक्ष्य नये या पुराने शासकों का तख़्ता उलटना नहीं है बल्कि इनका लक्ष्य देशों, सेनाओं और राष्ट्रों को तबाह करना है और इसका चिन्ह आज हम साफ़ देख रहे हैं। उनका कहना था कि इनका लक्ष्य टुकड़े टुकड़े हुए राष्ट्रों और देशों के शरीर पर नया मानचित्र तैयार करना है। उनका कहना था कि यह दृश्य आज हम देख रहे हैं जब एक अमरीकी हेलीकाप्टर सेन्जार के पर्वतों से महिलाओं और बच्चों को स्थानांतरित करता है, इस दृश्य को याद रखिए और अपनी महिलाओं और बच्चों को याद रखिए।

उनका कहना था कि हम यह समझें कि हमें वास्तविक ख़तरों का सामना है और जो भी यह कहता है कि उसे किसी भी प्रकार के ख़तरे का सामना नहीं है, वह वास्तविकता से दूर है, अलबत्ता समस्या को बढ़ा कर दिखाने और लोगों के मनोबल को गिराने की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना था कि हमें वास्तविकता को समझना चाहिए और इस खत़रे से मुक़ाबले के लिए संसाधनों और उपायों के बारे में सोचना चाहिए।

 

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